Monday, May 13, 2024
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कोरोना टाइम में कोहली ने बताई संघर्ष की कहानी, पूरी रात रोते रहे थे कोहली

by Vinay Kumar
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दुनिया में आज तक जितने भी लोग कमायाब हुए हैं, उनमें से हर किसी की अपनी ही कहानी है। कहा तो यह भी जाता है कि अगर आपको किसी इंसान की कामयाबी और तरक्की पर शक हो, तो आप यह चेक करिए कि उसने मेंहनत कितनी की है, या उसकी सफलता की कहानी क्या। ऐसे ही दो दिग्गजों नें अपनी जिंदगी की कहानी बताई। हम बात कर रहे क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े सितारे विराट कोहली और उनकी पत्नी एंव बॉलीवुड अदाकारा अनुष्काा शर्मा की।

हाल ही में यह दोनो अनअकेडमी में लोगो को प्रेरित करने के लिए लाइव हुए थे। जिसमें कोहली ने अपनी जिंदगी के उस दौर के बारे में बताया जब वह अपनी पहचान बनाने में नाकाम हो रहे थे। आपको बतां दे विराट कोहली भारतीय किकेट टीम के कप्तान हैं और वह अंडर 19 टीम की भी अगुवाई कर चुके हैं, साथ ही उन्होने 2008 में अंडर 19 टीम को विश्वकप जिताया था।

पूरी रात रोते रहे विराट कोहली

कोहली ने अपने पूराने दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘पहली बार में मुझे स्टेट टीम में सेलेक्शन के दौरान रिजेक्ट कर दिया गया था। मुझे याद,तब मैं रातभर रोता रहा था। मैं काफी निराश और मुझे रोते हुए रात को करीब 3 बज गए थे। मुझे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था कि मैं रिजेक्ट हो गया हूं।’’ कोहली ने 2006 में घरेलू टीम दिल्ली से डेब्यू किया था। इसके 2 साल बाद उन्हें टीम इंडिया में जगह मिली। पहला मैच उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ वनडे खेला था।

प्रदर्शन अच्छा होने के बावजूद भी नही मिली थी टीम में जगह

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मैंने सभी मैचों में अच्छा स्कोर किया था। सबकुछ अच्छा ही रहा था। लोग मेरे प्रदर्शन से खुश भी थे मैंने हर स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद मैं रिजेक्ट हो गया। मैंने अपने कोच से इस बारे में 2 घंटे बात की थी। मुझे अब तक उस बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। मेरा मानना है कि जहां धैर्य और प्रतिबद्धता होती है, वहां प्रेरणा अपने आप आती है और सफलता मिलती है।’’

कोहली ने कोरोना से जुड़ा सकारात्मक पहलू भी बताया

ज्ञात हो कि दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिसकी वजह से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में कप्तान कोहलीइस वायरस की वजह से लोगो पर सकारात्मक असर क्या है पड़ा है यह भी बता रहे हैं, उन्होने कहा कि ‘‘इस संकट का एक पॉजिटिव हिस्सा यह है कि हम सभी समाज के तौर पर ज्यादा उदार हो गए हैं। जितने भी योद्धा पुलिसकर्मी, डॉक्टर या नर्सें कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं, हम उनके प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। उम्मीद है कि संकट से उबरने के बाद भी यह जज्बा कायम रहेगा। जीवन के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जिससे खुशी मिले, वही करो और हर समय तुलना नहीं करते रहना चाहिए। इस महामारी के बाद जिंदगी में काफी परिवर्तन आने वाला है।’’

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