खेल प्रेमी 2021 में दो मुख्य टूर्नामेंट के इंतजार में है। इसमें से एक सबसे बड़ा टूर्नामेंट या कहें कि जिसे खेलों में महाकुंभ का दर्जा प्राप्त है यानी की ओलंपिक। दर्शक बेसब्री से टोक्यो ओलंपिक का इंतजार कर रहे हैं। वहीं यदि क्रिकेट की बात करें तो क्रिकेट का सबसे छोटा फॉर्मेट यानी t20 वर्ल्ड कप का भी क्रिकेट प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार है।
भारत को वर्ल्ड t20 की मेजबानी प्राप्त हुई है। ऐसा फिर हो सकता है कि 14 साल बाद भारत फिर से इस टूर्नामेंट में विश्व कप विजेता बन जाए। भारत में होने वाला यह टूर्नामेंट अक्टूबर-नवंबर में होगा। भारत 2016 में सेमीफाइनल तक पहुंच पाया था और उस समय की बात करें तो 73 करोड लोगों ने यह टूर्नामेंट देखा था। इन सभी दर्शकों से 1100 करोड़ रुपए की कमाई हुई और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बार कमाई में काफी बढ़ोतरी होगी।
बड़ी कमाई की उम्मीद
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार 100 करोड़ लोग वर्ल्ड कप देख सकते हैं और व्यूअरशिप का जब इतना आंकड़ा बढ़ जाएगा तो कमाई भी 168 प्रतिशत बढ़ सकती है, जिससे की यह कमाई 1850 करोड़ों रुपए पहुंच जाएगी। वेस्टइंडीज को 2016 में चैंपियन बनने पर 12 करोड़ रूपए दिए गए थे। आईसीसी के हिसाब से प्राइज मनी को इस वर्ष डेढ़ गुना तक बढ़ाया जा सकता है यानी कि इस बार विजेता को 18 करोड़ तक दिए जा सकते हैं।
T20 में है 104 देश
टेस्ट क्रिकेट वर्तमान में सबसे पुराना क्रिकेट का फॉर्मेट मौजूद है। 1877 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में पहला टेस्ट खेला गया जिससे इस फॉर्मेट का आगमन हुआ। यदि कुल मिलाकर बात करें तो 2399 टेस्ट अभी तक खेल गए हैं किंतु वर्तमान में केवल 12 देशी ऐसे देश हैं जिनको टेस्ट क्रिकेट की मान्यता प्राप्त है। वही t20 मैच की बात करें तो 2004 में पहला t20 मैच खेला गया था और वर्तमान में 104 ऐसे देश हैं जिन्हें t20 की मान्यता मिली है।
इससे साफ समझ आता है, कि केवल 16 वर्षों में t20 पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है। इनमें से 74 देश ऐसे हैं जिन्होंने कम से कम एक t20 मुकाबला तो खेला हुआ है। इसका एक कारण यह भी है कि 3:30 घंटे मात्र में यह मैच खत्म हो जाते हैं और फैंस को चौके छक्कों का रोमांच भी देखने को मिलता है और कमाई भी काफी ज्यादा होती है।
यदि वर्ल्ड कप की बात करें तो पहला वर्ल्ड कप 2007 में खेला गया था और इस फॉर्मेट ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया था।
दुनिया भर में शुरू हुई लीग
इसके बाद दुनियाभर में इसकी लीग शुरू हो चुकी थी और खिलाड़ियों के साथ बोर्ड की भी कमाई हुई। यदि इस लीग के लिए खिलाड़ियों को तैयार करना है, तो वेस्टइंडीज या विंडीज़ की तरह खिलाड़ियों को तैयार करना सही है। वेस्टइंडीज ने 2 बार इस फॉर्मेट का खिताब जीता है। विंडीज के प्लेयर दुनियाभर की कई लीग में खेलते हैं किंतु भारत के लोगों को बाहर के लिए गांव में खेलने की अनुमति नहीं है।