Wednesday, May 15, 2024
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सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

Sleeping Style में होती हैं कौन सी गलतियां?

by Nayla Hashmi
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तंदरुस्त रहने के लिए अच्छी गिज़ा और अच्छी नींद जरूरी है। सोना ही नहीं बल्कि सही sleeping style भी होना चाहिए। गलत तरीके से सोने (sleeping style) से स्वास्थ्य हानि होती है। यह बातें वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुकी हैं कि कौन सी (sleeping style) देती हैं आपको स्वास्थ्य लाभ और किन से (sleeping style) सोने से होता है नुकसान।

कब सोना चाहिए, कितना सोना चाहिए, ये जानना बहुत जरूरी है। रात में अगर आप ठीक तरीके से आराम नहीं कर पाए तो आपकी सुबहें भी कष्टकारी होंगी। अच्छी सुबह का मतलब अच्छी शुरुआत होता है परन्तु जैसे जैसे दिन चढ़ता है, आप धीरे-धीरे अपना धैर्य खोने लगते हैं और तनाव में आ जाते हैं। आपको यह समझने की जरूरत है कि यह तनाव आपके काम की वजह से नहीं बल्कि आपके गलत sleeping style से है।

सोते समय (sleeping style) इन बातों को ध्यान में रखें- 

सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

बाई ओर करवट से सोना (sleeping style) स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे आपके दिल पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है और आपका दिल बेहतर तरीके से कार्य कर पाता है।

आपके सोने का वक्त आपके जीवन के तरीके पर निर्भर करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कितने घंटे की नींद लेते हैं और यह आपकी sleeping style पर निर्भर है। आपको कम से कम आठ घंटे की नींद लेना चाहिए।

Sleeping style के बेहतर रहने से रक्त और ऑक्सीजन संचालन सही ढंग से काम करता है। 

Sleeping style सब की अलग अलग होती है। कुछ लोग सीधा सोते हैं तो कुछ दाईं या बाईं करवट लेकर सोते हैं। कई बार sleeping style गलत होने की वजह से हमारी तबियत बिगड़ जाती है।

पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों को हमेशा बाई करवट से ही सोना चाहिए।

सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

रात को डिनर के बाद तुंरत सोना है तो बाई तरफ मुंह कर के  सोने से आपका खाना धीरे-धीरे पचता है। यह sleeping style सबसे अच्छी है।

अच्छी sleeping style से आपके बॉडी का तापमान भी अच्छा रहता है क्योंकि शरीर के बाई ओर पाचन तन्त्र होता है और ह्रदय भी बाई तरफ ही होता है।

बाई ओर करवट लेकर सोने से शरीर के सभी अंगों और दिमाग को नियमित रूप से रक्त प्रवाह के साथ ऑक्सीजन भी मिलता रहता है। इससे शरीर और दिमाग पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

अगर आप बाई तरफ मुंह करके सोते हैं तो ऐसे में आपकी रीढ़ की हड्डियां सीधी रहती हैं और आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होती। 

रात में सोने से पहले कपूर जला कर सोना चाहिए। इससे रात में बहुत अच्छी नींद आती है और सभी तरह के तनाव भी ख़त्म हो जाते हैं।

सोते समय (sleeping style) एक बात का ध्‍यान रखें कि शरीर को चादर से ढककर सोएं। ऐसा करने से नींद अच्‍छी आती है। भले ही किसी हल्‍का वस्‍त्र से ढकें लेकिन खुले शरीर कभी नहीं सोना चाहिए।

आप जिस कमरे में सोते हैं उसमें हल्‍की रोशनी जरूर होनी चाहिए। 

सोते समय (sleeping style) सिर दक्षिण दिशा में और पैर उत्‍तर दिशा में होने चाहिए।

सोते समय (sleeping style) आपका सिर थोड़ा ऊंचा रहे और पैर थोड़े से नीचे रहें।

सोने से पहले पैरों को सूखा करके सोना चाहिए। ध्‍यान रखें कि पैरों को धोएं तो ठीक से पोंछकर सुखाकर तब ही बिस्‍तर पर जाएं।

 सोते समय (sleeping style) यह ग़लतियाँ ना करें

सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

सोते वक्त तकिया लगाकर कभी सीधा नहीं सोना चाहिए क्योंकि इसका असर सीधा आपकी रीड की हड्डी पर पड़ता है।

वहीं कुछ लोगों की आदत उनकी (sleeping style) पेट के बल सोने की होती है। पेट के बल नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से शरीर को सबसे ज़्यादा नुकसान होता है क्योंकि इस sleeping style से सोने से शरीर पर ज्यादा वजन पड़ता जिससे ह्रदय संबंधी बीमारियां होने का डर बना रहता है।

जब आप पेट के बल सोते हैं तो सांस लेने के लिए सिर को एक तरफ मोड़ते हैं। इससे रीढ़ की हड्डी मुड़ जाती है और पीठ में दर्द होने लगता है। अगर आप इस sleepin style से छुटकारा पाना चाहते हैं तो पेट के नीचे पतला तकिया लगाएं।

गर्भवती महिलाओं के लिए बाई करवट सोना सबसे बेहतर होता है क्योंकि उससे गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा एड़ी, हाथों और पैरों में सूजन की समस्या भी नहीं होती।

कई बार ठीक तरीके से नहीं सोने (sleeping style) की वजह से एसिडिटी की समस्या हो जाती हैं। बाई तरफ सोने (sleeping style) से पेट का एसिड ऊपर की जगह नीचे की ओर ही जाता है। 

अगर आपको कब्ज है तो बाई ओर सोने (sleeping style) से राहत मिल सकती है। भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत में बहुत आराम से पहुंचता है और सुबह पेट साफ होने में आसानी होती है।

सोते समय ज्यादा मोटा तकिये  का इस्तेमाल ना करें। तकिया इतना मोटा होना चाहिए कि वह सोते समय आपकी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने में मदद कर सके। मोटा तकिया लगाने से आपका सिर और कंधे आगे की तरफ झुक जाते हैं, रीढ़ की हड्डी भी टेढ़ी हो जाती है और शरीर दर्द होने लगता है।

बहुत नरम गद्दे पर ना सोएं। किस तरह का गद्दा इस्तेमाल करना चाहिए यह हर व्यक्ति के वजन, शरीर की बनावट पर निर्भर करता है। फिर भी ऎसे गद्दे का इस्तेमाल न करें जिसमें आप धंस ही जाएं। इसका नतीजा यह होता है कि आपकी कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।

सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

भरे पेट सोने (sleeping style) से परहेज़ करें। अगर खाना खाने के तीन घंटे के भीतर सोते हैं तो सीने में जलन, अपच होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। शाम का खाना जल्दी खाएं और सोने तक आपको भूख लग आए तो हल्का-फुल्का कुछ खालें।

अपनी Sleeping style का ख्याल रखना चाहिए। नींद पूरी न होने से आपका दिमाग व याददाश्त कमजोर हो सकता है। 

स्वस्थ शरीर की पहचान नियमित नींद से होती है। नियमित नींद लेने से शरीर की थकान तो मिटती ही है साथ ही दिमाग भी अगले दिन के लिए तरोताज़ा हो जाता है।

सोते समय हम जिस करवट में लेटते हैं उस sleeping style से हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इससे हमारे शरीर व मस्‍तिष्‍क दोनों पर असर पड़ता है।

सोने से पहले कभी भी नकारात्मक बातों को नहीं सोचना चाहिए।

Conclusion 

सोते समय (sleeping style) होती हैं कौन सी गलतियां?

आपको पता होना चाहिए कि स्वस्थ शरीर के लिए हमेशा सही करवट में सोना व सही sleeping atyle का होना बहुत जरूरी होता है, वरना इससे शरीर को गहरा नुकसान भी हो सकता है।

सेहतमंद जीवन के लिए सिर्फ भरपूर नींद ही जरूरी नहीं है बल्कि आपके सोने का तरीका (sleeping style) इसका भी बहुत महत्व है। 

रोज रात में जल्दी सोएं और सुबह जल्दी उठें। इसका प्रभाव आपकी सेहत और काम करने की क्षमता पर पड़ता है। सोने के मामले में रुटीन पर बने रहना बेहज दरूरी है।

यदि आप नींद कम लेते हैं तो आपकी नींद का बैलेंस गड़बड़ हो जाता है। इसके कई नुकसान हो सकते हैं। कम नींद लेने से अक्सर लोगों का ध्यान किसी एक जगह नहीं टिक पाता है जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। वहीं जरूरत से अधिक नींद से बेचैनी, सिरदर्द व आलस शरीर में घर कर जाते हैं जो आपके काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आपके सोने का समय और तरीका (sleeping style) दोनों बेहतर हैं तो आप हमेशा फ्रेश रहेंगे व नींद का संतुलन भी ठीक रहेगा।

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