Saturday, May 4, 2024
hi Hindi
Indian Economy 2020

इस देश की इकोनॉमी का बाल भी बांका नहीं कर पाया कोरोनावायरस!

by Divyansh Raghuwanshi
165 views

शिकागो के एक अर्थशास्त्री ने कुछ 4 साल पहले यह कह दिया था कि अब ताइवान की अर्थव्यवस्था का बुरा समय है और यह मौत के मुहाने पर है।

यदि उस समय के हिसाब से बात करें तो यह बिल्कुल सही था क्योंकि उस समय ताइवान की स्थिति कुछ इसी प्रकार की थी। ताइवान कई प्रकार की जटिल समस्याओं का सामना कर रहा था।

इसका कारण था, कि कंपनियां चीन की ओर जा रही थी। मजदूरी जस की तस थी और ग्रोथ भी बहुत निचले स्तर पर पहुंच गई। इसका एक बड़ा कारण यह भी था कि देश में उम्रदराज लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा था। यह सभी परिस्थितियां देखते हुए शी चंग-ताई शिकागो के एक अर्थशास्त्री ने यह सब भविष्यवाणियां की थी।

लेकिन 2020 के हिसाब से बात करें तो परिस्थितियों में कुल पलट चुकी हैं। पूरी तरह से हालात बदल चुके हैं और ताइवान दुनिया की सबसे बड़ी और बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गया है। ऐसा अनुमान है, कि इस साल 2% की दर से इसकी जीडीपी बढ़ेगी। विशेषज्ञो के हिसाब से इस वर्ष ऐसे बहुत ही कम देश होंगे जो इस महामारी के समय आर्थिक विकास दर में इतनी रफ्तार हासिल कर पाए। एक मानना यह भी है, कि ताइवान की इकोनामी की रफ्तार चीन से भी तेज हो जाए।

चीन-अमेरिका के तनाव का फायदा

पहले ताइवान की कंपनियों ने चीन में निवेश किया किंतु अमेरिकी आयात शुल्क से राहत पाने के लिए कुछ कंपनियां चीन से वापस आकर ताइवान आ गई। इन सभी कंपनियों में कंप्यूटर मैन्युफैक्चरर कंपनी कॉम्पैल और साइकिल निर्माता जायंट जैसी कंपनियां शामिल हैं। यहां तक की यहां का निवेश बढ़कर आल टाइम हाई पर पहुंच गया है। फैक्ट्रियों और इसके अलावा अन्य फिक्स्ड असेट्स में निवेश बढ़ा जिसकी वजह से यह बढ़त देखी गई। निवेश करीब 10.36 लाख करोड़ रुपए पर है। क्वांटा कंप्यूटर दुनिया में सबसे बड़े और जाने-माने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चर है, जो सोफेस्टिकेटेड सर्वर्स के घरेलू उत्पादन में बढ़ोतरी कर रहे है, जो पहले चीन में बनते थे।

यह पहलू कर रहे हैं मदद 

ताइवान कोरोनावायरस में भी अपनी इकोनामी को संभाले हुए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है, कि उन्होंने पहले से सतर्कता अपनाई है। यहां तक की ताइवान ने बिना दुकान, स्कूल और ऑफिस बंद किए कोरोनावायरस पर काबू पा लिया। ताइवान ने 2019 के अंत से ही वुहान से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी। इसके बाद यहां के लोगों ने यूनिवर्सल मास्क पहनना भी शुरू किया था जिससे जनजीवन में ज्यादा कोई तकलीफ नहीं आई और सामान्य हो गया। वहीं पिछले साल से तुलना करें तो यहां के रेस्टोरेंट और रिटेलर का रेवेन्यू बढ़ गया है। 

दुनिया भर की मांग को पूरा करने के लिए यहां के मैन्युफैक्चरर्स भी सही स्थिति में थे। वहीं दूसरी ओर कंप्यूटर सरवर और छोटे सेमीकंडक्टर की एक्सपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स की बात करें तो दुनियाभर की एक तिहाई हिस्सेदारी ताइवान की है। हेडफोन, टेबलेट और कंप्यूटर जैसे डिवाइस की बिक्री काफी मजबूत है। इस वर्ष वैश्विक व्यापार 10% घटने वाला है और ताइवान का निर्यात करीब 5% अधिक रहने की संभावना है।

 

इन देशों में अभी तक नहीं पहुंचा कोरोना

SAMACHARHUB RECOMMENDS

Leave a Comment