भारतीयों का विदेशी बाजार मे निवेश करना अच्छा विकल्प है।
विदेश में निवेश करने वालों के लिए अमेरिकी बाजार नियामक एसईसी के माध्यम से रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। भारत में बाजार के निवेशक के लिए नियामक भारतीय बाजार से भी संस्था है।
अमेरिका में यह संस्था एसईसी है। विदेशी बाजार में निवेश करने के लिए ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के बारे में जानकारी होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेश के लिए भारतीय निवेशकों को बहुत सारी जानकारी और सावधानियां रखनी चाहिए। जो लोग विदेशी बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं। उन्हें सबसे पहले केवाईसी कराना आवश्यक होता है।
भारत में डिमैट अकाउंट खोलना पड़ता है उसी तरह अमेरिका में ट्रेडिंग अकाउंट खोलना आवश्यक है। केवाईसी कराने के बाद निवेश करने के लिए अमेरिकी बाजार में नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन एस ई सी में रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास से ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा।
- अगर अमेरिकी बाजार में निवेश करना है, तो डॉलर की आवश्यकता होती है। भारतीय रिजर्व बैंक के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के माध्यम से भारतीय निवेशक अमेरिका में 2.5 लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं।
- अमेरिका के ट्रेडिंग अकाउंट में यह राशि जमा होने के बाद निवेशक अमेरिकी बाजार में निवेश कर सकेंगे।
- अगर निवेशक अमेरिकी शेयर बाजार से भारतीय बैंक के अकाउंट में पैसे लाना चाहते हैं तो एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह कार्य हो जाता है।
- भारतीय बैंक के अकाउंट में पैसे आते समय डॉलर और रुपए के विनिमय दर का राशि पर असर होगा।
अमेरिकी शेयर बाजार में मुनाफा
निवेशक को ब्रोकर के एसआईबीसी का सदस्य होने का वेबसाइट पर पता लगा लेना चाहिए। जो निवेशक ज्यादा फायदा उठाना चाहते हैं उन्हें शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए। अच्छे रिटर्न पाने के लिए निवेशक को रिस्क उठाना आवश्यक होता है। भारतीय बाजार की तुलना में अमेरिकी शेयर बाजार में निवेशकों को मुनाफा कमाने का ज्यादा मौका मिलता है। इस महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी की कंपनियों में निवेशकों को काफी फायदा हुआ है। भारतीय बाजार की तुलना में अमेरिकी कंपनियों मैं पैसा कई गुना बढ़ा है।
भारतीय शेयर बाजार में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 145 फीसदी का रिटर्न मिला वही एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के शेयर 750 फ़ीसदी तक बढे। निवेशकों का पैसा फेसबुक, अमेजॉन, नेटफ्लिक्स, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल और गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों में दुगना हो गया है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी फायदा देखने को मिला है गूगल और एप्पल का रिटर्न 57 फीसदी से 63 फीसदी बढ़ा है। भारतीय निवेशकों के लिए अमेरिकी शयरों में पैसा लगाना काफी फायदेमंद साबित हुआ है। अमेरिका के शेयर बाजारों में निवेशकों को 90 दिनों में 700 फीसदी तक का मुनाफा हुआ है निवेशक इस फायदे का लाभ उठाकर मालामाल हो गए हैं।
इस महामारी के दौर में बचत करना मुश्किल हो रहा है। बैंकों में एफडी रिटर्न घटने से निवेशक चिंतित हैं। जो निवेशक रिस्क उठाकर शेयर बाजार में पैसा लगा देता है, वह अच्छे रिटर्न पा लेता है। शेयर बाजार में हुई रिकवरी से निवेशकों को काफी मुनाफा उठाने का मौका मिल सका है। इस महामारी में सोने में सबसे ज्यादा रिटर्न देखने को मिला है। सोने की कीमत कई गुना बढ़ गई है। इस तरह निवेशक विदेशी निवेश के द्वारा भी अच्छे रिटर्न पा सकते हैं।