Wednesday, May 15, 2024
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Kovidsomnia क्या है?

by Divyansh Raghuwanshi
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कोरोना महामारी जबसे शुरू हुई है, तबसे लोग बहुत तनाव ग्रस्त हो गए हैं। लोगो का कहना है कि, कोरोना महामारी शुरू हुई है, दुनिया भर के लोग तबसे ये महसूस कर रहे है कि वह ढंग से सो नहीं पा रहे। सर्वे में शामिल 70% युवाओं ने कहा कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद उन्हें नींद से जुड़ी एक या उससे अधिक प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

पुरुषो की अपेक्षा महिलाओं में इस तरह की दिक्कत ज्यादा हो रही है। रॉयल फिलिप नाम की एक संस्था ने 13 देशों में नींद से जुड़ा एक सर्वे किया गया है। सर्वे में 37% लोगों ने माना है कि महामारी ने उनकी नींद पर बहुत प्रभाव डाला है।

‘Kovidsomnia’ नाम दुनिया भर के स्लीप न्यूरोलॉजिस्ट ने इसे  दिया है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मुताबिक,  कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर, फैमिली मेम्बर्स और करीबियों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता को बताया हैं।

Kovidsomnia का कारण 

कोरोना के कारण तनाव बढ़ रहा है, लोग चिंता से ग्रस्त हो रहे हैं। इसी तनाव के चलते लोग इंसोम्निया (नींद न आना या टूट जाना) के शिकार हो रहे हैं। अगस्त, 2020 में ब्रिटेन के साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च कहती है कि लॉकडाउन के दौरान चीन में इंसोम्निया की दर 14.6 से 20% तक बढ़ गई। जबकि इटली और ग्रीस में यह दर 40% तक देखी गई।

इसके प्रमुख लक्षण

Symptoms

Symptoms

  • नींद न आना या बार-बार टूटना। एक बार नींद टूट जाने पर बापिस न आना।
  •  दिन के वक्त थकान महसूस होना या नींद आना। 
  • सोते वक्त बार-बार उठना, नींद अच्छी तरीके से न लगना।
  •  देर से सोने के बाद भी जल्दी नींद खुल जाना जैसे लक्षण Kovidsomnia के हैं।

समस्या का निदान

  •  दोपहर में कैफीन न लें: दोपहर 2 बजे के बाद चाय, कॉफी का कम सेवन करे। नींद की गहरी अवस्था, जिसमें रैपिड आई मूवमेंट होता है उसे कैफीन प्रभाव डालते हैं।
  •  सोने से पहले मोबाइल से बचें: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर की ब्लू स्क्रीन हार्मोन मेलाटोनिन की मात्रा को कम करती है। पलकों का झपकना भी कम होता है।
  • नेशनल स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, बेडरूम का तापमान 16-19 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। इस सेल्सियस के बीच कमरे का तापमान होने पर नींद अच्छी आती हैं।
  • स्ट्रेचिंग नींद में मदद करती हैं।

नींद पूरी न होने पर सेहत पर असर

Effect on health

Effect on health

  • हार्ट संबंधित रोग:- सीडीसी के मुताबिक, नींद पूरी न होने पर ब्लड प्रेशर लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है, लोग के हृदय पर प्रभाव डालता है। ब्लड प्रेशर की यही बढ़ोतरी ही हृदय रोगों की बड़ी वजह है।
  • मोटापा बढ़ना:- लेप्टिन और घ्रेलिन दो ऐसे हार्मोन हैं जो भूख को नियंत्रित करते हैं और बॉडी का संतुलन बनाए रखते हैं। नींद पूरी न होने पर हार्मोन्स का संतुलन इस तरह बिगड़ता है कि भूख ज्यादा लगती है, और लोग मोटापे के शिकार हो जाते हैं।
  •  डायबिटीज: डायबिटीज/मेटाबॉलिज्म रिसर्च एंड रिव्यू के मुताबिक, अनिद्रा की स्थिति में शरीर लगातार तनाव में रहता है। तनाव डायबिटीज का कारण है, जो डायबिटीज को बढ़ाता है।

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