आज रियल स्टेट में कितने फर्जी वाड़े होते हैं यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन इसे रोकने का कोई ठोस कदम या कोई तरीका अब तक समझ नहीं आता था, लेकिन इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए शायद अब सरकार एक कदम उठा सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि जल्द ही प्रॉपर्टी को प्रॉपर्टी के मालिक के आधार कार्ड से लिंक कराने की प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है। इससे पहले बैंक अकाउंट और पैन कार्ड भी आधार कार्ड से लिंक कराए जा चुके हैं। अगर केंद्र सरकार इस ओर कदम उठाती हो तो इससे आम आदमी से लेकर सभी को बहुत से फायदे होंगे। साथ ही लैंड माफिया के भी पैरो में जंजीर डाली जा सकेगी। आइए जानते हैं क्या हो सकते हैं इसके फायदे।
होंगे बहुत से फायदे
आज लोग अक्सर अपने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए प्रॉपर्टी खरीदते हैं। ऐसे में यह कदम अगर उठाया जाता है तो बेनामी संपत्ति से जुड़े सभी मामले खत्म हो जाएंगे। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि यह नहीं होगा तो आपको बता दें कि, इससे पहले कर्नाटक में प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया काफी पहले से ही शुरू हो चुकी है। इस तरह से प्रॉापर्टी से जुड़े फर्जीवाड़े पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सकेगी।
अवैध कब्जों से मिलेगी सुरक्षा
आधार कार्ड से प्रॉपर्टी को लिंक करने के बाद अवैध कब्जो के मामले भी रोके जा सकेंगे साथ ही प्रॉपर्टी से जुड़े केस भी कम हो सकेंगे। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार केवल इस कानून को पारित करने का काम करेगी। जबकि इसकी सारी बागडोर राज्य सरकारों के अधीन ही होगी। इससे प्रॉपर्टी की सूचनाएं पारदर्शी होंगी और आए दिन होने वाले धोखा धड़ी के मामलो पर रोक लग पाएगी।
आखिरी चरण की ओर सरकार
प्रॉपर्टी ओनरशिप के लिए इस कानून पर तैयारी पूरी हो चुकी है। सरकार इसमें आखिरी चरण की ओर बढ़ गई है। इस संदर्भ में NAREDCO, महाराष्ट्र के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा है कि, ‘अगर यह नियम लागू होता है, तो इससे काला धन समाप्त होगा और रियल एस्टेट सेक्टर में धोखाधड़ी खत्म होगी।’ आगे उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराने की प्रक्रिया लंबी है, इसलिए सरकार को इसके लिए प्रॉपर्टी के मालिकों को ज्यादा समय देना चाहिए।