Sunday, May 19, 2024
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आँखों से संबंधित विकार और उनके उपचार

by Nayla Hashmi
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कहते हैं कि सुंदरता देखने वाले की आँखों में निवास करती है! दूसरे शब्दों में अगर हम कहें तो सुंदरता आँखों में वास करती हैं। कुल मिलाकर आंखें हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं।

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आँखें जितनी महत्वपूर्ण होती हैं ठीक उतनी ही नाज़ुक भी होती हैं। हमें अपनी आँखों का असाधारण रूप से ध्यान रखना होता है।

आँखों से संबंधित छोटी से छोटी समस्या को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह छोटी समस्या आगे चलकर अंधेपन का कारण बन सकती है।

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अक्सर हमें आँखों में जलन, दर्द, आखें लाल होना या आँखों में किसी तरह का कोई स्पॉट आ जाने की समस्या हो जाती है। वैसे तो ये कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती हैं लेकिन लगातार यही समस्याएं बनी रहने पर ये किसी बड़े ख़तरे का अलार्म हो सकती हैं।

मोतियाबिंद और आई कंजंक्टिवाइटिस आँखों से सम्बंधित कुछ समस्याएं हैं। आइए इन पर थोड़ी बहुत चर्चा करते हैं।

कंजंक्टिवाइटिस

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अक्सर हमें आँखों में जलन और लालपन की समस्या हो जाती है। हम इसे यूँ ही छोड़ देते हैं जबकि यह कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण भी हो सकते हैं। जी हाँ, ये चौंकने वाली बात नहीं है बल्कि इस पर हमें ध्यान देना चाहिए! कंजंक्टिवाइटिस एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन है जोकि बैक्टीरिया के कारण होता है। 

हालाँकि ये ज़रूरी नहीं है कि अगर आपकी आँखों में जलन हो रही है तो यह कंजंक्टिवाइटिस ही हो लेकिन हमें ट्रीटमेंट तो अवश्य करना चाहिए।

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बदलते मौसम में कंजंक्टिवाइटिस का बैक्टीरिया असाधारण रूप से सक्रिय हो जाता है। कंजंक्टिवाइटिस के कारण आँख के सफ़ेद भाग में जलन और लालपन हो जाता है। इसका उपचार करने के लिए एंटीबाइटल लुब्रिकेंटिंग आई ड्रॉप का प्रयोग किया जाता है लेकिन आपको इसका प्रयोग सीधे न करके डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।

अगर आपको आँखों में जलन या कंजंक्टिवाइटिस की समस्या हो रही हो तो आपको चाहिए कि आप नियमित रूप से अपनी आँखों को धुलते रहें। आँखों को मलने से बचें और अपने हाथों को साफ़ अवश्य रखें।

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मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आँखों की एक गंभीर समस्या है जिसका कि तुरंत उपचार आवश्यक है। मोतियाबिंद ख़राब रूटीन, ग़लत खानपान और प्रदूषण के कारण होता है लेकिन मोतियाबिंद का डायरेक्ट कारण प्रोटीन होता है।

जब प्रोटीन के गुच्छे आँखों में एकत्र होने लगते हैं तब ये लेंस की कार्यविधि को प्रभावित करते हैं। इन प्रोटीन्स के गुच्छों के कारण लेंस  के द्वारा रेटिना को किसी भी चीज़ का स्पष्ट चित्र भेजने में परेशानी होती है। फलस्वरूप व्यक्ति को धुँधला दिखने या कम दिखने की समस्या हो जाती है।

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सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि मोतियाबिंद दोनों आँखों को प्रभावित करता है। मोतियाबिंद के कारण व्यक्ति को प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता होने लगती है।

व्यक्ति को सूरज की रोशनी या घर की लाइट्स की रोशनी में भी समस्या होती है। रोशनी के दौरान व्यक्ति की आंखें अचानक चौंधिया जाती है अर्थात कुछ देर तक व्यक्ति को कुछ नज़र नहीं आता है। इसके अलावा मोतियाबिंद का एक लक्षण यह भी है कि व्यक्ति को शाम के समय अर्थात् जब अच्छा ख़ासा प्रकाश होता है तब भी चीज़ें स्पष्ट नहीं दिखाई देती हैं।

मोतियाबिंद के कई कारण हैं जैसे ग़लत खानपान के चलते जब हम अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन ले लेते हैं तो शरीर में जगह जगह पर प्रोटीन का जमाव होने लगता है। प्रोटीन के जमाव से आंखें भी अछूती नहीं रहती हैं।

इसके अलावा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें, धूम्रपान, शराब, सिगरेट, अत्यधिक तला भुना खाना, दवाएँ, मधुमेह आदि भी मोतियाबिंद का कारण बनते हैं।

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मोतियाबिंद न हो इसके लिए हमें कुछ बचाव करने की आवश्यकता भी होती है। जब भी सूरज की रोशनी में बाहर निकलें तो अपनी आँखों को गॉगल्स या चश्मों से अवश्य ढकें। चश्मे सूरज की पराबैंगनी किरणों को आँखों में जाने से रोकते हैं।

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अगर आप चाहते हैं कि आप मोतियाबिंद की संभावनाओं से बिलकुल बचें रहें तो इसके लिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप अपना ख़ान पान और रूटीन वर्क सुधारें।शराब या सिगरेट आदि का बिलकुल भी सेवन न करें। तला भुना या जंक फूड्स को भी बिलकुल अनदेखा करें।

नियमित रूप से अपनी आँखों का चेकअप कराएं। अगर आपको किसी भी चीज़ को देखने में दिक़्क़त आ रही हो अर्थात आपको प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या चीज़ें स्पष्ट न दिखाई दे रही हों तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और फ़ौरन डॉक्टर से चेकअप कराएँ।

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