बडे- बड़े शहरों में लगातार गाड़ी की संख्या बढ़ रही है जिससे प्रदूषण चिंता का विषय बन चुका है. प्रदूषण से सीधे जिंदगी प्रभावित होती है. अब प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिये सरकार द्वारा कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं. अब खबर ये आ रही है की 2020 तक सिर्फ BS6 बेस्ड गाड़िया ही आएंगी. इसके प्रोडक्शन पर काम भी शुरू हो गया.
BS का क्या होता है मतलब
BS का सीधा तात्पर्य प्रदूषण मापक यूनिट से है. भारत में गाड़ियों के प्रदूषण को मापने के लिए BS का उपयोग किया जाता है. अमेरिका में टीयर का उपयोग किया जाता है. यूरोप में यूरो में मापा जाता है. 2017 के बाद BS3 बेस्ड गाड़ियों को बंद कर दिया गया है. इसके बाद BS4 बेस्ड गाड़ियां आना शुरू हुई. इस समय BS4 बेस्ड गाड़ियां बिक रही है. अब BS6 का दौर शुरू हो रहा है. 2020 तक गाड़ियां BS6 बेस्ड ही आएंगी.
क्या होता है BS3, BS4 और BS6
BS के आगे जितने भी डिजिट लगती है जैसे 3, 4, और 6 है. BS के आगे जितना छोटा डिजिट होता है उतना प्रदूषण अधिक होता है और डिजिट जितना बड़ा होगा प्रदूषण उतना ही कम होगा. BS के जरिये भारत में ये पता चलता है कि गाड़ी से कितना प्रदूषण हो रहा है.
BS6 से क्या फायदे होंगें-
अभी कार डीजल और पेट्रोल बेस्ड आती है. डीजल पेट्रोल की तुलना में ज्यादा प्रदूषण उत्पन्न करता है. डीजल कार 68% नाइट्रोजन उत्पन्न करती हैं और पेट्रोल कार 25% प्रदूषण उत्पन्न करती हैं. BS6 लागू हो जाने के बाद पेट्रोल और डीजल यूजर गाड़ियों में प्रदूषण उत्सर्जन के स्तर में कोई खास फर्क नही रह जायेगा. BS6 के आ जाने के बाद प्रदूषण के स्तर में कमी होनी की संभावना जताई जा रही. एलेक्ट्रिक वाहन भी प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद कर रहे हैं