Friday, May 17, 2024
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लवलाइफ और रिलेशनशिप के बीच प्यार अधूरा सा नज़र आता है

by Pratibha Tripathi
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जब हम प्यार की बात करते हैं तो एक हलकी सी मुस्कान होठों पे अपने आप आ जाती है। किसी ने सही ही कहा है, प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती, किस वक्त आपको किससे प्यार हो जाए किसी को नहीं मालुम होता| अगर इस दौर की बात की जाए तो प्यार के कुछ अलग ही मायने नज़र आते हैं एक छोटी सी मुलाक़ात, फोन या सोशल मीडिया पर दो चार दिन बात, फिर “आई लव यु” कहा और हो गया प्यार| जो अभी बच्चे हैं वे भी कहने लगे हैं कि हम कमिटेड हैं, रिलेशनशिप में हैं| यही बन गयी है आज प्रेम की परिभाषा|

आज की युवा पीढ़ी प्यार को शौक में तब्दील करती नज़र आती है।

फोन पर घंटों बात करना, छोटी-छोटी बातों पर अपने प्यार को ठुकरा देना| आखिर बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के इस कल्चर में प्रेम कहाँ है? “मुझे प्रेम है! आई एम इन लव!” इस तरह के जुमले तो आजकल आम हैं| ‘मेरे पास बॉयफ्रेंड है, मेरी एक गर्लफ्रेंड है| मेरे बॉयफ्रेंड के पास बाइक वह मुझे घुमाने ले जाता है| मुझे पिकअप करता है| मैं उसके साथ मूवी जाउंगी|’ अकसर इस तरह की बातें कानों में सुनाई पड़ ही जाती हैं| देखा जाए तो यह मात्र एक शौक है|

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जैसे बाइक चाहिए वैसे ही लड़कों को गर्लफ्रेंड चाहिए, हर किसी को अपने-अपने पसंद का प्यार चाहिए होता है अगर नहीं भी मिलता है, तो वे अपने आपको उसी के अंदाज़ में ढाल लेते हैं जिससे उनकी इच्छाएं पूर्ण होती हैं|

क्या भरोसे का नाम ही प्यार है?

पहले और आज के प्यार में बहुत अंतर है| यह प्रेम बहुत ही अस्थाई है 100 में से शायद 2 ही प्यार को लेकर गंभीर होते हैं जो सुन्दरता पर नहीं मरते बल्कि अपने साथी की केयर करते हैं| बहुत से लोग अपने-अपने प्यार को पब्लिक के सामने शेयर करते हैं, कोई कहता है ब्रेकअप के बाद ही पता चलता है की प्यार का मतलब क्या होता है|

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ब्रेकअप के बाद ही अहसास होता है की प्यार का मतलब बहुत गहरा होता है| प्रेम में त्याग और वफादारी भी जरुरी है| महत्वपूर्ण है आपस में विश्वास हो| जितना विश्वास होगा उतना ही रिश्ता मजबूत होगा|

ब्रेकअप को संभाल ले जाती हैं आज कल की पीढ़ी

प्यार हुआ की इकरा हुआ ये तो सब ठीक है लेकिन कभी-कभी लोगों के प्यार में दरार देखने को मिल ही जाती है| इधर पढ़ाई और उधर दोस्ती का मैनेजमेंट उसपर करियर बनाने का प्रेशर| इतनी चीज़ों को कैसे मैनेज कर पाती है यह नई पीढ़ी? क्या ये अपनी निजी जिन्दगी में मौज-मस्ती भरने के लिए लवलाइफ का प्रयोग करते हैं?

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यह एक प्रश्न है जिसके उत्तर में इतना ही कहा जा सकता है कि 60 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें रिश्ता टूटने से कोई मुश्किल नहीं होती| वे अपनी निजी जिन्दगी को प्यार के बीच अच्छे से मैनेज कर ले जाते हैं|

लव पेशेंस अब नहीं रहा

समस्या यह है कि आजकल लोगों में पेशेंस लेवल बहुत कम है| तुमने मुझे टेक्स्ट नहीं किया, मुझे फ़ोन नहीं किया| तुम मेरी दोस्त के साथ मूवी देखने गये और मुझे बताया भी नहीं…. और जाने क्या-क्या? छोटी सी बात बड़ी हो जाती है| एक दुसरे को मनाने ड्रामा भी होता है लेकिन कहीं कुछ परिणाम नहीं निकलता| आज लड़ाई कल फिर साथ|

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अगर नहीं तो तुम अपनी राह, मैं अपनी राह| पेशेंस की कमी काफी खटकती है लेकिन प्यार के मायने तो अनुभव से ही तो समझ आयेंगे| प्रेम और समर्पण के मायने जानने में भी कुछ वक्त लगता है लेकिन आजकल के लोग वक्त का इंतज़ार कहाँ करते है|

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