आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने एक्सप्लोरा एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और इनोवेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर मार्केटिंग हैल्थकेयर (Healthcare marketing) पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
सीआरआई एडवाइजरी एंड रिसर्च के डायरेक्टर, इनोवेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के ट्रस्टी और आईआईएम अहमदाबाद में सेंटर फॉर रिटेलिंग के पूर्व सीनियर प्रोफेसर और चेयरपर्सन डॉ. पीयूष सिन्हा इस वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने स्वागत भाषण दिया, जबकि डॉ. शीनू जैन, एसोसिएट प्रोफेसर और चेयर, सेंटर फॉर इनोवेशन इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईआईई), आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने चर्चा का संचालन किया।
वेबिनार के दौरान ऐसी मार्केटिंग रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनके माध्यम से संभावित नए रोगियों में विश्वास पैदा किया जा सकता है और उन्हें आकर्षित किया जा सकता है।
साथ ही, कठिन समय में रोगियों को आकर्षित करने और उन्हें अपने साथ बनाए रखने के लिए सर्वोत्तम उपायों पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा, रोगियों के मन में सुरक्षा के भाव को बढ़ावा देने वाले संवाद पर भी विचार-विमर्श किया गया और ऐसे प्रबंधन कार्यक्रमों पर चर्चा की गई, जिनके माध्यम से नए रोगियों में विश्वास कायम किया जा सकता है।
Healthcare marketing पर वेबिनार
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने कहा, ‘‘वर्तमान दौर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मार्केटिंग की बहुत बड़ी आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि निजी और कॉर्पोरेट क्षेत्र आमतौर पर विश्व स्तर पर कारोबारी अवसर हासिल करने और अपने कामकाज का विस्तार करने के लिए मार्केटिंग संबंधी रणनीतियों का बहुत अच्छी तरह से उपयोग करते हैं।
लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामले में मार्केटिंग पर अभी तक ज्यादा जोर नहीं दिया गया है। हमें इस बात को समझना होगा कि मार्केटिंग केवल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नहीं है, बल्कि उन समस्त ग्राहकों से जुड़ने के लिए भी है, जिन्हें उस सेवा की आवश्यकता है।
कोविड-19 ने ग्रामीण क्षेत्रों या दूर-दराज के इलाकों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता से जुड़ी चुनौतियों को सामने ला दिया है।
इसलिए अब सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में मार्केटिंग की बुनियादी बातें मौजूदा दौर की जरूरत हैं और इस माध्यम से ही हम उन सेवाओं को सामने ला सकते हैं, जिन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और स्थानीय स्वास्थ्य सेवा केंद्र जमीनी स्तर पर प्रदान करते हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की मार्केटिंग करने से गुणवत्ता में तेजी लाने, पहुंच में सुधार लाने और उन लोगों के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी, जो कहीं भी इन सेवाओं का लाभ उठाना चाहते हैं।’’
सीआरआई एडवाइजरी एंड रिसर्च के डायरेक्टर, इनोवेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के ट्रस्टी और आईआईएम अहमदाबाद में सेंटर फॉर रिटेलिंग के पूर्व सीनियर प्रोफेसर और चेयरपर्सन डॉ. पीयूष सिन्हा ने अपने संबोधन की शुरुआत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में बी2बी और बी2सी के बारे में जानकारी दी और आईटी/टेक, रिसर्च, एजुकेशन, एडवाइजरी, फायनेंसिंग, इंश्योरेंस और पब्लिक पॉलिसी से संबंधित सेवाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।
साथ ही उन्होंने पावर डिस्टेंस, ट्रस्ट, डेफिसिट, अनसॉट प्रोडक्ट इकोनॉमिक बर्डन, अनहोलसम डिमांड, डिसीजन पोस्टपोनमेंट, कंजम्पशन टू लाइफस्टाइल जैसी प्रमुख विशेषताओं का गहराई से विश्लेषण किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज मार्केटिंग की परिभाषा को पारंपरिक तौर पर ही लिया जाता है। लंबे अर्से से पीएचसी और सीएचसी तक पहुंच एक चुनौती रही है।
हेल्थकेयर मार्केटिंग इन सुविधाओं तक पहुंच से संबंधित विजन को बदल देता है और लोगाों को नई सुविधाओं को अपनाने की ओर प्रेरित करता है। भारत जैसे किसी देश की सेहत का पैमाना इस बात से तय होता है कि वहां कितने लोग बीमारी के शिकार हैं। दूसरी तरफ यूरोपीय देशों में बीमारी कोई पैमाना नहीं है, बल्कि यह देखा जाता है कि वे कितने खुश हैं।
विपणन का उद्देश्य इसी रणनीति के अनुरूप होना चाहिए।’’
डॉ सिन्हा ने ग्राहक अनुभव के माध्यम से मिलने वाले फीडबैक के बारे में जानकारी दी और बताया कि इसमें विश्वास, सेवा की गुणवत्ता, वफादारी और ग्राहकों को केंद्र में रखने की भावना शामिल है।
इसके अलावा उन्होंने ऐसे कॉर्पोरेट उद्देश्यों की भी चर्चा की, जिनके माध्यम से ग्राहकों के साथ एक किस्म का भावनात्मक लगाव हासिल किया जा सकता है। इस दिशा में उन्होंने समुदायों के लिए प्रतिबद्ध होकर काम करने और उन्हें असाधारण सेवाएं प्रदान करने का सुझाव भी दिया।
डॉ. शीनू जैन, एसोसिएट प्रोफेसर और चेयर, सेंटर फॉर इनोवेशन इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईआईई), आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने कहा, ‘‘मार्केटिंग किसी भी स्टार्ट-अप के लिए खुद को कायम करने का एक प्रमुख माध्यम हो सकता है।
वर्तमान दौर में रोगी डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये अपने डॉक्टरों या किसी भी स्वास्थ्य सेवा के बारे में जानकारी मांग रहे हैं।’’ डॉ. जैन ने कहा कि प्रो. सिन्हा जैसे अनुभवी विशेषज्ञ ने अपने अनुभव से स्वास्थ्य सेवा से संबंधित मार्केटिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी, जिसका लाभ निश्चित तौर पर प्रतिभागियों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस वेबिनार में न केवल भारत से, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और नेपाल से भी 325 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत यूजीसी द्वारा अनुमोदित हेल्थ एंटरप्रेन्योरशिप में एक वर्षीय पूर्णकालिक पीजी डिप्लोमा शुरू किया है। यह देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। इस प्रोग्राम के तहत प्रतिभागी हेल्थकेयर मार्केटिंग के बारे में एक विस्तृत योजना तैयार करने पर काम करेंगे।
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