कोरोनावायरस की वजह से दुनिया भर में कई चीजें प्रभावित हुई है। इसी में सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट ओलंपिक भी प्रभावित हो चुका है। हालांकि, जापान में टोक्यो ओलंपिक के लिए जो नेशनल स्टेडियम तैयार किया है, उसमें ट्रेक एंड फील्ड इवेंट पहली बार देखा जाएगा। यह घोषणा जापान एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा की गई है। तैयार हुए स्टेडियम में 87 फीसदी लकड़ी इस्तेमाल की गई है। यह लकड़ी उन्हीं प्रांत से आई है, जो सुनामी की वजह से तबाह हो गए थे। गोल्डन ग्रांप्री रेस में स्कूल के एथलीट के हिस्सा लेने की बात भी कही गई है। जानकारी के लिए बता दे कि टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई से शुरू होने वाले थे लेकिन महामारी के कारण 1 साल के लिए इसे टाल दिया गया है। जापान को इसकी वजह से 56 हजार करोड़ का नुकसान हुआ।
सिर्फ जापान के एथलीट
जापान एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन के एक बयान में उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल यात्रा का प्रतिबंध है और इस वजह से गोल्डन ग्रांप्री रेस में सिर्फ जापान के एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। देश के टॉप एथलीट तो हिस्सा लेंगे ही साथ में स्कूल के एथलीट भी हिस्सा लेंगे। इसका एक कारण यह भी है, कि कोरोनावायरस के कारण नेशनल हाई स्कूल चैंपियनशिप और अन्य कई इवेंट रद्द हुए हैं। टोक्यो ओलंपिक जुलाई में ही शुरू होने थे लेकिन इन्हें टाल दिया गया और अगली तारीख 2021 में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक है।
स्टेडियम में 87 फीसदी लकड़ी
टोक्यो गेम्स के स्टेडियम में 87 की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया। इसमें देवदार की 2000 घन मीटर की लकड़ी इस्तेमाल हुई है। लकड़ी 47 प्रांत से आई है, जो 2011 में आई सुनामी में तबाह हुए थे। लकड़ी के इस्तेमाल का मुख्य मकसद है लोग प्रकृति से जुड़े और उन्हें अधिक गर्मी भी ना लगे। गर्मी से बचाव के लिए 185 पंखे और 8 स्थान पर कूलिंग नोजल भी दिए गए हैं। यह पांच मंजिला स्टेडियम है, जो 10000 करोड रुपए में तैयार हुआ है। स्टेडियम में 6000 दर्शकों की जगह है।
जापान को बड़ा नुकसान
कोरोनावायरस की वजह से ओलंपिक टाला गया और इसके कारण पहले ही जापान को 56 हजार करोड़ रुपए का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यही नहीं देश पर 20 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च भी बढ़ा है।
ओलंपिक रद्द होने की अटकलें
टोक्यो ओलंपिक के अध्यक्ष योशिरो मोरी ने यह कहा है ओलंपिक को टालने के लिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी से किसी प्रकार की बात नहीं की गई है। उन्होंने यह बयान 12 जून को दिया था। उन्होंने आयोजन समिति से यह भी कहा कि हर तरह से देख लेने के बाद उन्हें कोई फैसला लेना चाहिए। यह बात उन्होंने कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कही थी।
2021 से ज्यादा टालना मुश्किल है
काफी व्यस्त शेड्यूल है जिसकी वजह से ओलंपिक का टलना अगले साल काफी मुश्किल नजर आ रहा है। 2022 में फुटबॉल वर्ल्ड कप भी कतर में होना है। इसके साथ ही बीजिंग में विंटर ओलंपिक्स भी होने हैं। अगर आगे कोरोना की वजह से मुश्किलें और बढ़ती है, तो टोक्यो ओलंपिक को टालने की जगह रद्द करने पर फैसला हो सकता है।