Monday, May 6, 2024
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5G मोबाइल नेटवर्क से क्या होंगी उम्मीदें

by Divyansh Raghuwanshi
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भारत में सस्ते मोबाइल डाटा पैक तेजी से बढ़ रहे हैं। दुनिया के सभी देशों की अपेक्षा भारत में डेटा की कीमत कम है। सस्ते मोबाइल इंटरनेट प्लान तो है लेकिन स्पीड के मामले में अभी हम पीछे हैं। काम करने के लिए कंप्यूटर और लैपटॉप पर डेटा का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। भारत में आधी आबादी से भी ज्यादा लोग इंटरनेट का यूज करते हैं।

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चीन की टेलीकॉम कंपनियों ने 5G सेवा की शुरुआत कर दी है। भारत में 5G नेटवर्क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। जल्द से जल्द सस्ती 5जी सुविधाएं भारत में उपलब्ध हो जाएंगी। भारत 2020 मे 5G शिवा की ओर आगे बढ़ जाएगा। भारत में स्पीड कम होने का कारण अच्छी टेक्नोलॉजी का उपयोग ना होना भी है। हमारे देश में ग्राहकों की अधिक से अधिक संख्या पर ध्यान दिया जाता है लेकिन नेटवर्क समय के अनुसार नहीं पहुंचता है।

मोबाइल डेटा स्पीड5G network speed

दुनिया के मुकाबले भारत में डेटा की स्पीड कम है। भारत में 45 करोड़ लोग हर महीने इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। हमारे देश में 12 से लेकर 30 वर्ष तक के यूजर्स की संख्या सबसे अधिक है। आजकल बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल पर गेम के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल आसानी से करते हैं। नाम सस्ते होने की वजह से हम इंटरनेट स्पीड में पीछे हैं। भारत में भी कई कंपनियों ने अपना डेटा की कीमतें बढ़ा दी है। हमारे देश 1GB डेटा काफी सस्ता है वहीं ब्रिटेन में 1GB डाटा की कीमत 471 रुपए के करीब है। अमेरिका में तो 874 रुपए 1GB डेटा के देने पड़ते हैं। जिंबाब्वे तो सबसे महंगा है यहां पर 5311 रुपए 1GB डेटा के देना पड़ते हैं। डेटा सस्ता होने से भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या अधिक है।

इंटरनेट से जासूसीpersonalidades internet

इंटरनेट की सुविधा होने से देश को स्पाइवेयर के खतरे का सामना करना पड़ता है। गूगल प्ले स्टोर के द्वारा एप डाउनलोड करने पर कोई भी वायरस आ जाता है। मोबाइल यहां कंप्यूटर में यूजर्स के सीक्रेट डेटा पर जासूसी करता है। मोबाइल के द्वारा सूचनाओं को हैकर के पास पहुंचाते हैं। मोबाइल पर अधिकतर ऐप इस तरह का स्पाइवेयर का काम करते हैं। ऑनलाइन गेमिंग और बैटिंग के द्वारा हुई इन ऐप को इस्तेमाल करते हैं। कुछ कंपनियां ऑनलाइन जासूसी के द्वारा कस्टमर की जानकारी हासिल करती हैं। यूजर्स पर नजर रखने के लिए भी कंपनियां ऐसे ऐप का इस्तेमाल करती हैं। साइबर क्राइम के द्वारा लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है।

बैंकिंग क्षेत्र को भी साइबर क्राइम से नुकसानwWng

बैंकिंग के क्षेत्र में भी आजकल ऐसे साइबर क्राइम ऐप उपलब्ध है जिनके द्वारा कस्टमर की जानकारी ली जाती है। बैंकिंग साइट्स भी अब सुरक्षित नहीं है। इंश्योरेंस सेक्टर में भी साइबर क्राइम को डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा। पब्लिक सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी साइबर क्राइम से काफी नुकसान हुआ।

इंटरनेट सिक्योरिटी के कुछ कदम01zU35AJIGBtH8jr1uw11Qd 6.fit scale.size 2698x1517.v1569492497

मोबाइल में ऐसे ऐप इंस्टॉल करें जो हमारी परमिशन लेकर सिक्योरिटी ऑप्शन पर जाएं। अपने एंड्रॉयड फोन की सेटिंग बदले। यूपी के साथ-साथ बैंकिंग एप की साइट को ओटीपी ऑप्शन के द्वारा इस्तेमाल करें। अपने मोबाइल में बेसिक यूज करते हैं वही ऐप ज्यादा डाउनलोड करें। इस तरह हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख इंटरनेट द्वारा होने वाली ठगी से बच सकते हैं।

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