पॉर्न की दुनिया एक ऐसी दुनिया है जो वास्तविकता को लगभग नकार देती है! ऐसा इसलिए है क्योंकि पॉर्न ज़ोन में दिखाई जाने वाली ज़्यादातर चीज़ें ऐसी होती हैं जिनको कि हम प्रेक्टिकली लागू नहीं कर सकते हैं।
स्क्रीन पर चमकते दमकते उत्तेजक दृश्य दर्शकों को एक अलग ही मज़ा देते हैं। इन दृश्यों को देखकर लोगों को ऐसा लगता है कि जैसे पॉर्न की दुनिया बेहद ख़ूबसूरत और आनंददायक है लेकिन सच्चाई इसके बिलकुल उलट है।
जी हाँ, पॉर्न की दुनिया वैसी बिलकुल नहीं है जैसी हम सोचते हैं। हमें लगता है कि पॉर्न एक्टर्स को आख़िर सेक्स ही तो करना होता है और सेक्स करने में तो बहुत मज़ा आता है। ये बात सच है कि सेक्स वास्तव में आनंददायक होता है लेकिन यदि सेक्स काम बन जाए तो फिर वह एक ऑफिशल चीज़ में बदल जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पॉर्न एक्टर्स को बहुत कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। एक आम इंसान अपनी निजी ज़िंदगी में सेक्स को बेहद आज़ाद तरीक़े से करता है लेकिन पॉर्न एक्टर्स को सीन की डिमांड के अनुसार ही सेक्स करना पड़ता है।
इतना ही नहीं बल्कि पॉर्न ऐक्टर्स को लगभग 15-18 घंटे शूट पर बिताने होते हैं। कभी कभी तो एक दिन में तीन से चार बार सेक्स करना होता है और वो भी इस तरह कि देखने वाले को भरपूर मज़ा आए! आप सोच सकते हैं कि ये कितना कठिन होता होगा!
पॉर्न ऐक्टर्स चाहे कितने भी उदास या परेशान क्यों ना हो, सेट पर उन्हें अपने मनोभावों को बिलकुल भी व्यक्त नहीं करना होता है और कैमरे के सामने मुस्कुराना या हँसना ही होता है। कुल मिलाकर इन ऐक्टर्स को बेहद प्रफ़ेशनल और डेवोटेड बनना पड़ता है तब जाके ब्लू डीवीडी मज़ेदार बनती है।
तो दोस्तों, उम्मीद है कि अब आपको पॉर्न सिर्फ़ एंटर्टेनमेंट का ही एक ज़रिया नहीं लगेगा!