हनुमान जी भगवान श्री राम के अनन्य भक्त माने जाते हैं। अगर हनुमान जी के पूजन की जाए भगवान राम उन पर हमेशा कृपा बरसाते हैं। सनातन धर्म के आधार पर भगवान शिव जी के रूद्र अवतार हनुमान जी हैं। हनुमान जी को अजर और अमर होने का आशीर्वाद प्राप्त है। सबसे बलवान और बुद्धिमान हनुमान जी को माना जाता है वह अपने भक्तों की सभी परेशानियों को दूर करते हैं।
ग्रह दोष दूर होते हैं, हनुमान जी की कृपा से
श्री राम भक्त हनुमान जी की महिमा का गुणगान जितना किया जाए उतना कम है। श्री हनुमान जी की कृपा से ग्रहों का दोष शांत हो जाता है। हनुमान जी को सूर्य देव के स्वरूप माने जाते हैं। सूर्य देव की कृपा हनुमान भक्तों पर हमेशा रहती है। हनुमान जी की साधना करने से साधकों में सूर्य तत्व उत्पन्न हो जाता है। आत्मविश्वास और तेजस्विता बढ़ जाती है। जिनकी कुंडली में ग्रह दोष पाया जाता है, उन्हें हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। जिससे अशुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं पड़ता।
हनुमान जी की भक्ति करने के उपाय
हनुमान जी हमेशा ही अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। राम जी की भक्ति करने वालों की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं, वैसे ही राम जी हनुमान जी के भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं। हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से किसी भी प्रकार का संकट भक्तों पर नहीं आता। राहु, केतु जैसे ग्रह भी हनुमान भक्तों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते। नित्य हनुमान जी का चालीसा करने से भक्तों में आत्मविश्वास और तेजस्विता की वृद्धि होती है। हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाना चाहिए। हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन घी का दीपक जलाकर प्रार्थना करनी चाहिए।
ऐसे में हनुमान जी प्रसन्न होकर सारी परेशानियों को दूर करते हैं और हर कार्य में सफलता प्रदान करते हैं। जो भक्त हमेशा राम नाम की महिमा का गुणगान करते हैं उन पर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है। हनुमान जी भगवान श्री राम के परम भक्त है। हनुमान जी को जल्दी प्रसन्न करने के लिए राम जी का गुणगान गाते रहना चाहिए। श्री राम जी का नित्य नाम जपने से कुंडली में पितृदोष होने पर दूर हो जाते हैं। सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी के विशेष कृपा प्राप्त होती है। सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। घर में सुख शांति बनी रहती है। जो व्यक्ति सुंदरकांड का पाठ करते हैं उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का समावेश रहता है। अपने आप में विश्वास को बरकरार रखने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।
हनुमान जी की पूजन में बरतें सावधानियां
हनुमान जी तो सभी भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शनिदेव की बुरी नजर भी हनुमान भक्तों पर नहीं पड़ती। सभी देवी देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है। हनुमान जी के पूजन करते समय पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हनुमान जी को तिल के तेल में मिले हुए सिंदूर कालेपन करना चाहिए। हनुमान जी को केसर के साथ घीसा लाल चंदन लगाना चाहिए। हनुमान जी का प्रसाद शुद्ध देसी घी मैं बनाना चाहिए। हनुमान जी की साधना में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक है। इस प्रकार हनुमान जी की श्रद्धा और पवित्र मन से पूजन करने चाहिए।