कोरोनावायरस जैसी महामारी की वजह से कई सेक्टर गंभीर प्रभावित रहे हैं जिनमें से एक है ट्रेवल सेक्टर। ट्रेवल सेक्टर या होटल इंडस्ट्री जैसे सेक्टर लॉकडाउन की वजह से बिल्कुल ग्रोथ नहीं कर पाए या एक तरह से ठप ही पड़ गए। इसी तरह रियल एस्टेट सेक्टर भी रहा।
कोरोना महामारी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर काफी प्रभावित रहा था। यह महामारी की वजह से सबसे प्रभावित सेक्टरों में से एक था। वर्तमान में लेकिन इसमें तेजी से रिकवरी देखी जा रही है। यदि हम सितंबर तिमाही की बात करें तो भारत के कई प्रमुख शहरों में कमर्शियल स्पेस की खपत 1.4 करोड़ वर्गफीट तक हो गई है। हालांकि इसमें यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि यह पिछले साल की तिमाही की तुलना में 15% कम है लेकिन कोरोना महामारी के समय ऐसा सेक्टर जो बहुत परेशानियां में चल रहा था, उसके लिए यह एक पॉजिटिव ट्रेंड के संकेत है।
रिपोर्ट में तथ्य आया सामने
यह तथ्य कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रियल एस्टेट रिपोर्ट में सामने आए। इस रिपोर्ट में पाया गया कि अभी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर चल रहा है लेकिन इसके बाद भी आईटी कंपनियों ने जमकर प्रॉपर्टी के सौदे किए हैं। कई रियल एस्टेट कंपनियां नई प्रॉपर्टी की सप्लाई में जुट गई है। देश के प्रमुख शहरों में 30 लाख वर्गफीट सप्लाई वाली प्रॉपर्टी में सितंबर तिमाही में खपत दर्ज की गई।
इसके साथ ही प्रॉपर्टी की वैकेंसी में भी सुधार देखने को मिला है क्योंकि कोरोनावायरस के बाद भी वैकेंसी के स्तर की बात करें तो यह 13% है। वहीं यदि पिछले साल से तुलना करें तो 12% स्तर दर्ज किया गया था। कोटक के एनालिस्ट के मुताबिक ग्लोबल स्पेस की वर्तमान स्थितियों से यह पता लगाया जा सकता है, कि इतनी बड़ी महामारी सहने के बाद भी यदि भारत की बात की जाए तो यह दुनिया में ज्यादा मजबूत रहने वाला है। यह साफ देखा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था में सुधार देखा जा रहा है और इसकी वजह से रियल स्टेट में सकारात्मकता आ रही है। सरकारी कोशिशों की वजह से भी डिमांड में बढ़ोतरी देखी गई है।
किराए वाली प्रॉपर्टी में सुधार
एक रिपोर्ट में पाया गया कि रियल स्टेट में कमर्शियल किराएदार में भी सुधार देखा गया है। यदि वर्तमान वित्त वर्ष की बात करें तो पहली छमाही में प्रति तिमाही औसतन 6.85 लाख वर्गफीट की खपत कई बड़े रियल स्टेट ऑनर्स में देखी गई है। वहीं 10 लाख वर्गफीट बड़े डेवलपर्स द्वारा किराए पर दिया गया है। केवल बैगमैन ने ही 19 लाख वर्ग फीट स्पेस अपना प्रभुत्व बनाने के लिए किराए पर दिया।
घर से काम करने पर भी ऑफिस स्पेस में नहीं रही कमी
एक्सपर्ट एनालिस्ट्स के मुताबिक वर्क फ्रॉम होम पर ऑफिस स्पेस की डिमांड में कुछ कमी आए यह कहना थोड़ी जल्दबाजी है। ऐसा मानना है, कि घर से काम करने में कई प्रकार की चुनौतियां रहती हैं जिनमें से कुछ चुनौतियां रहती हैं जैसे छोटा घर और बड़ा परिवार या फिर सुविधाओं का अभाव। जिन लोगों का घर छोटा है उन्हें इस महामारी में वर्क फ्रॉम होम में काफी दिक्कत आई है। ऐसा इस कारण होता है क्योंकि घर छोटा रहता है, तो वर्कस्पेस के लिए अलग जगह निकालना काफी मुश्किल हो जाता है।
महामारी में लग्जरी घरों की जगह सस्ते घरों की खरीद में आई बढ़ोतरी