पोर्न इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के बारे में हमारे बहुत अलग तरह के विचार हैं। हम सोचते हैं कि पॉर्न स्टार्स बाक़ी स्टार्स से अलग होते हैं क्योंकि वे जो सीन्स करते हैं उनके लिए उन्हें किसी डायरेक्शन की ज़रूरत नहीं होती है लेकिन ये सच नहीं है।
पोर्न फिल्मों की शूटिंग भी अन्य फ़िल्मों की तरह ही होती है। जिस तरह किसी साधारण मूवी के लिए स्क्रिप्ट की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह पॉर्न फ़िल्मों के लिए एक स्क्रिप्ट की आवश्यकता होती है। कहने का मतलब है कि पॉर्न मूवीज़ में नया तड़का लगाने के लिए अलग अलग प्रकार की सेक्स पोज़ीशन्स की एक स्क्रिप्ट होती है।
एक विशेष प्रकार का सीन स्टार्ट होने से पहले सीन को टेक किया जाता है। सीन का टेक होने से पहले वहाँ पर मौजूद डायरेक्टर हीरो और हीरोइन को सीन के बारे में अच्छे से समझाता है। यहाँ तक कि वह उन्हें किस पोज़ीशन में सेक्स करना है यह भी समझाता है।
सीन शुरू होते ही हीरो व हीरोइन को ठीक उसी प्रकार से सेक्स करना होता है जिस तरह कि स्क्रिप्ट की डिमांड होती है और डायरेक्टर ने उन्हें समझाया होता है। अगर हीरो व हीरोइन स्क्रिप्ट की डिमांड और डायरेक्टर के मुताबिक़ सीन नहीं कर पाते हैं अर्थात सीन में कुछ गड़बड़ी हो जाती है तो उन्हें दोबारा टेक देना होता है।
जो सबसे बड़ी बात है वह थोड़ी सी कंट्रोवर्शियल है और वो ये है कि एक्टर्स को सीन के अनुसार ही ऑर्गेनिज्म शो करना होता है।
कुल मिलाकर सेक्स करते तो हीरो व हीरोइन हैं लेकिन उसे कैसे करना है और कब पीक पर जाना है ये सब स्क्रिप्टेड होता है। हाँ अब हम कह सकते हैं कि पॉर्न स्टार्स बाक़ी स्टार्स से अलग होते हैं क्योंकि इनका कार्य काफ़ी मुश्किल होता है!