Monday, May 20, 2024
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चेतन भगत: अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए ‘प्रोत्साहन’ योजना करनी चाहिए लांच

by Divyansh Raghuwanshi
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अंग्रेजी के उपन्यासकार चेतन भगत ने कहा है, कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ने कोरोनावायरस की वजह से 2020 का वर्ष बहुत बुरी स्थिति में बिताया है। हालांकि, अब आने वाला समय सकारात्मक समय होगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 2021 का समय बहुत बहुमूल्य होगा। पूरे देश में कोरोना के मामले में स्थिरता आने लगी है, जो की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक चीज है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपना टीकाकरण संबंधित कार्यक्रम जल्दी आयोजित करेगा। कोरोना के नए मामलों में निरंतर कमी आती जा रही है। 

भारत की अर्थव्यवस्था ने भी तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया है। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नया वर्ष खुशियों से भरा होगा। इसके अलावा नया वर्ष पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक सिद्ध होगा। हालांकि, भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी के लिए अब भी कड़े प्रयास करने की जरूरत है।

‘हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हमारे लोग और घरेलू अर्थव्यवस्था है’

चेतन भगत (प्रतिष्ठित अंग्रेजी के उपन्यासकार) ने कहा है कि अगर भारत की अर्थव्यवस्था में वाकई बढ़ोतरी करनी है, तो इसके लिए हमें जल्द से जल्द बड़े स्तर पर खपत पैदा करनी होगी। देश में खपत जितनी ज्यादा रहेगी उतनी ही तेजी से अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। चेतन भगत ने ‘प्रोत्साहन’ योजना का जिक्र किया है। देश में यह योजना लागू कर प्रत्येक भारतीय को पांच हजार रुपए वितरित किए जाएं। इन पैसों को एक साल के अंदर खर्च करना होगा। ऐसा करने से लोगों के बुरे समय में तो सहायता मिलेगी ही साथ में देश की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी। 

ऐसा करने से बहुत से लोग यह कह सकते हैं कि इतना सारा पैसा हमारे पास कहां है? ऐसा करने से फायदा होगा? बहुत राजकोषीय घाटा होगा? इनके अलावा और भी कई सवाल हैं उन सभी के उत्तर हां हैं, हम सभी को यह करना चाहिए और इससे काफी ज्यादा फायदा भी होगा। हमें इस योजना के बारे में यह चीज जान लेना आवश्यक है, कि इस योजना में हर उस व्यक्ति को शामिल किया जाएगा जिसके पास वैध पहचानपत्र है। जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है उसको आधे पैसे देकर बचत कर सकते हैं। मिलने वाले पैसों को निश्चित समय के अंदर खपत करनी होगी। इन पैसों को अधिक जरूरतमंदों को पहले दिया जाना चाहिए। अमीर लोग इन पैसों को ना ले बल्कि दूसरों को दें। ऐसा करने से काफी बचत की जा सकती है।

जब यह पैसा मार्केट में आएगा तो देश की अर्थव्यवस्था में काफी तेजी देखी जा सकती है। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो देश के 140 करोड़ों लोगों को 5 हजार देते हैं तो 7 लाख करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है इसलिए कुछ सोच विचार करके आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। भारत के अमीर लोग इसमें काफी ज्यादा सहायता कर सकते हैं। 

सरकार उद्योगों के लिए कर चुकी है विभिन्न पैकेजों की घोषणा

सरकार ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार को बढ़ाने के लिए उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर चुकी है। इससे लोगों को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ में आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है। 

 

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