Friday, May 10, 2024
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ग्लेमर की दुनिया छोड़ ब्राह्मण परिवार की बेटी लेगी जैन धर्म को दीक्षा

by Pratibha Tripathi
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ग्लेमर की दुनिया छोड़.. पुणे के कॉलेज से BSC पास आउट ब्राह्मण परिवार की बिटिया लेगी जैन धर्म को दीक्षा.. 21 जनवरी को इंदोर में हरियाणा की सिमरन.. जैन भगवती दीक्षा लेकर वैराग्य की राह पर चलने का फैसला लिया…

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शादी से पहले प्री-वेडिंग फोटोशूट बहुत सुने ओर खूब देखे भी होंगे.. लेकिन क्या आपने प्री-दीक्षा शूट के बारे में सुना या देखा भी नही होगा.. हरियाणा की रहने वाली 23 वर्षीय सिमरन जैन ने वैराग्य की कठिन डगर चुनी है और दीक्षा ग्रहण करने से पहले उसने प्री दीक्षा शूट की अनूठी पहल की है.. माता पिता ने बैराग्य में जा रही बेटी को प्री बेडिंग शूट के जरिये किया विदा..

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समाज मे शादी से पहले प्री-वेडिंग फोटोशूट सुने ओर देखे है पर दीक्षा से पहले प्री-दीक्षा शूट के बारे में न सुना न देखा.. पर हरियाणा की रहने वाली 22 वर्षीय सिमरन जो ब्राह्मण परिवार से है उन्हीने वैराग्य की कठिन डगर चुनी है और दीक्षा ग्रहण करने से पहले सिमरन के माता पिता की मंशा थी वह अपनी बेटी को खुशी खुशी विदा करे जैसे माता पिता शादी के समय अपनी बेटी को विदा करते है.. उनकी यही इच्छा पूरी करने के लिए सिमरन ने प्री-दीक्षा शूट की अनूठी पहल की है.. श्वेतांबर जैन समाज की सिमरन इंदौर में जैन भगवती दीक्षा लेकर वैराग्य की राह पर चलने का फैसला लिया है.WhatsApp Image 2019 01 09 at 12.34.19 PM 1

सिमरन बताती है कि बचपन से मुझे धर्म की तरफ मन रमता था…जब में फोर्थ क्लास में पड़ती थी तब भी में अपनी बेराग्नी बुआ के रहने लगी फिर पढ़ाई करने चली गयी….

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14 जनवरी से होने वाले सात दिवसीय दीक्षा महोत्सव में देशभर के हजारों समाज जन इकठ्ठा होंगे…

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वेरागनी सिमरन कहती हैं कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे वैराग्य के मार्ग पर चलने की अनुमति परिजन और गुरुजन से मिली.. इस उत्सव का हर पल मेरे लिए खुशी का अवसर है.. मैं बचपन से ही मेरी बुआ साध्वी मुक्ताश्रीजी की तरह बनना चाहती थी….मेरे पिता नहीं चाहते थे कि मैं साध्वी जीवन अपनाऊं.. हम दो बहनें दो भाई है मेंने पुणे से BSC किया ग्लेमर की बहुत दुनिया देखी पर संतों के सान्निाध्य और वैराग्य में ही रमा…इसलिए मैंने दीक्षा लेने का फैसला लिया.. अब 21 जनवरी के इंतज़ार है जब दीक्षा के बाद धर्म के रास्ते पर चलूंगी… अपना मन आत्मसात में जुट जाऊंगी….

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सांसारिक बुआ महासती डॉ. मुक्ताश्री बताती हैं कि सिमरन जब गर्भ में थी… तभी मैंने भैया-भाभी से इच्छा जताई थी कि उसे आत्मकल्याण के लिए दीक्षा दिलाना….बचपन से सिमरन की इच्छा वैराग्य की तरफ थी… अब जब उसके माता पिता की मंशा थी अपनी बेटी की शादी नही तो क्या हुआ अब वह दीक्षा के लिए भी प्री -दीक्षा शूट कराएंगे….ओर इसके बाद उन्होंने विदा किया है….

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