आजकल की महिलाएं घरों में, कार्यस्थलों में, ग्रहणी के रूप मे, कहीं नर्स के रूप में, कहीं टीचर के रूप में और कहीं वैज्ञानिकों के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर अच्छी तरह से निभा रही हैं। आज हम जानते हैं 8 ऐसी महिलाओं के बारे में जिन्होंने काफी कुछ हासिल किया है (8 such amazing women who have the feeling of victory)
विश्व की प्रत्येक महिलाएं अपने आप में अद्भुत है जो किसी ना किसी रूप में अपने आप में एक मिसाल हैं। ऐसी 8 भारतीय महिलाओं के बारे में हम चर्चा करेंगे जो हमें प्रेरणा देती हैं।
भव्या लाल
(नासा की नई प्रमुख)
भव्या की स्कूली शिक्षा भारत में पूरी हुई। वह भारत में जन्मी, पली-बढ़ी और दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा में एक्टिंग चीफ ऑफ स्टाफ है। 12वीं के बाद न्यूक्लियर इंजीनियर में स्नातक करने अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी गई थी। यह एमआईटी में पहले साल अंग्रेजी सीखने में ही निकल गया था।
आर्या राजेंद्रन
(सबसे युवा मेयर)
आर्या एक मध्यवर्गीय परिवार की साधारण महिला हैं जो किराए के घर में रहती हैं। पिता इलेक्ट्रीशियन तथा मां एलआईसी एजेंट है। इस महिला की पहली प्राथमिकता अपने शहर तथा शहर की महिलाओं को सुरक्षित बनाना है। यह स्वच्छता के लिए एक नए मानक स्थापित करना चाहती हैं।
रितु कारिधाल
(देश की रॉकेट वूमेन)
यह लखनऊ में निम्न वर्गीय परिवार में जन्मी थी, इनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, परिवार पर विशेष जोर था। खुद से पढ़ाई तथा सेल्फ मोटिवेशन पर जोर दिया जाता था। जीतू का कहना है कि सफलता के साथ टाइम मैनेजमेंट जरूरी है और यह कला अनुशासन के साथ ही अपने अंदर आ सकती है।
मानसी जोशी
(पैरा बैडमिंटन चैंपियन)
मानसी ने 6 साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। पिता भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मे थे। 2011 के ट्रक हादसे में मानसी की जिंदगी बदल कर रख दी। कुछ घंटे की सर्जरी के बाद इनकी जिंदगी बचाने के लिए इनका पैर काटना पड़ा। आज इनका स्थान 2020 की वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
आयशा अजीज
(सबसे कम उम्र की पायलट)
यह देश की सबसे कम उम्र की कमर्शियल पायलट है। 16 वर्ष की उम्र में ही इन्होंने जेट मिग 29 विमान उड़ाने की ट्रेनिंग ले ली थी। तथा 2017 में इन्होंने कमर्शियल पायलट बनने का लाइसेंस हासिल किया। मानसी सबसे छोटी 25 वर्षीय कमर्शियल पायलेट है।
वेनो जेफाइन
(पहली दृष्टिहीन आई एफ एस)
यह देश की पहली पूरी तरह से दृष्टिहीन आई एफ एस ऑफिसर है। यह तमिलनाडु में रहने वाली 25 वर्षीय उम्र की पहली दृष्टिहीन आईएफएस ऑफिसर बनी। इनकी मां इनको किताबें पढ़कर सुनाती थी। मां के शब्दों तथा पिता की चुनौतियां के सहारे वे हर परीक्षा तथा हल चुनौतियां में सफलतापूर्वक पास हुई।
सोमा मंडल
(सेल की पहली महिला चेयरपर्सन)
यह साल की पहली महिला चेयरपर्सन है। 35 साल की उम्र में अनुभव मेटल इंस्टिट्यूट में काम किया। 1 जनवरी को स्टील कंपनी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयर पर्सन का पद संभाला है। इस कंपनी में डायरेक्टर कमर्शियल के पद पर पहुंची। यह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला बन गई।
अभिजीत गुप्ता
(सबसे छोटी 7 साल की लेखिका)
अभिजीत को 7 साल की उम्र में इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सबसे कम उम्र के राइटर का खिताब दिया गया। यह गाजियाबाद में रहने वाली सबसे कम उम्र की कक्षा 2 की छात्रा है। जब स्कूल बंद हो गए थे तो उन्होंने वक्त का इस्तेमाल करते हुए किताब लिखी। और अब यह बच्ची कोरोनावायरस महामारी के अवसर पर किताब लिख रही है।