श्रीनिवास रामानुजन् का जन्म 22 दिसम्बर, 1887 को तमिलनाडु में इरोड जिले के कुम्भकोणम् नामक प्रसिद्ध तीर्थस्थान पर हुआ था। वहाँ कुम्भ की तरह हर 12 वर्ष बाद विशाल मेला …
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भारत में आज जो मुसलमान हैं, उन सबके पूर्वज हिन्दू ही थे। उन्हें अपने पूर्वजों के पवित्र धर्म में वापस लाने का सर्वाधिक सफल प्रयास स्वामी श्रद्धानन्द ने किया। संन्यास …
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अंग्रेज शासन में कुछ अधिकारी छोटी-छोटी बात पर बड़ी सजाएं देकर समाज में आतंक फैला रहे थे। इस प्रकार वे कोलकाता, दिल्ली और लंदन में बैठे अधिकारियों की फाइल में …
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प्रायः ऐसा कहा जाता है कि मुसीबत में अपनी छाया भी साथ छोड़ देती है। क्रांतिकारियों के साथ तो यह पूरी तरह सत्य था। जब कभी वे संकट में पड़े, …
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गाडगे बाबा का जन्म एक अत्यन्त निर्धन परिवार में 23 फरवरी, 1876 को ग्राम कोतेगाँव (अमरावती, महाराष्ट्र) में हुआ था। उनका बचपन का नाम डेबूजी था। निर्धनता के कारण उन्हें …
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भारत के स्वाधीनता संग्राम में फाँसी पाकर अपने वंश को अमर कर देने वाले अमर हुतात्मा रोशनसिंह का जन्म शाहजहाँपुर (उ.प्र.) के खेड़ा नवादा ग्राम में 22 जनवरी, 1892 को …
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‘काकोरी कांड’ में फाँसी पाने वाले अशफाक उल्ला खाँ का जन्म 1900 ई0 में शाहजहाँपुर (उ.प्र.) में हुआ था। युवावस्था में उनकी मित्रता रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ से हुई, जो फरार अवस्था …
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भारतीय स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड का बड़ा महत्त्व है। यह पहला अवसर था, जब स्वाधीनता सेनानियों ने सरकारी खजाना लूटकर जनता में यह विचार फैलाने में सफलता पाई कि …
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1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध में पंजाब के शकरगढ़ क्षेत्र में बसंतर नदी के पास हुई लड़ाई में 21 वर्षीय सेंकड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल ने प्राणाहुति दी। अरुण …