Thursday, May 9, 2024
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Does the philosopher's stone really exist

क्या पारस पत्थर सच में मौजूद है

by Ananya Panda
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 50 किलोमीटर दूर रायसेन के किले में पारस पत्थर छुपा है ऐसा दावा किया जाता है। दुनिया में कई अनसुलझे रहस्य हैं। ऐसा ही एक रहस्य है एक पत्थर जो लोहे की हर वस्तु को सोने में तब्दील कर देता है। ऐसा ही दावा मिलता है पारस पत्थर का। माना जाता है, कि पारस पत्थर आज भी मौजूद है।

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में 900 साल पुराने खंडहर में बदले किले को कई बार खोदा गया है। ना जाने कितने लोगों ने जादुई पत्थर के लालच में यहां खुदाई की है। ऐसे कई प्रयास उस किले पर आजमाए गए। तो क्या यह दावे सच है? आखिर क्या है इस कहानी का रहस्य ?

क्या दावे सच साबित हुये

दावा किया जाता है, कि यहां के राजा के पास एक पारस पत्थर रहा होगा जिसने रियासत का सारा लोहा सोने में तब्दील कर दिया होगा। जिसने किले को दौलत से भर दिया होगा। दावा यह भी है, कि इस पत्थर को जो कोई छूता है वह कभी नहीं मरता हमेशा के लिए अमर हो जाता है। लेकिन फिर राजा मर क्यों गये थे?

जादुई पत्थर की तलाश 

कई लोगों ने इस जादुई पत्थर को खोजने की तलाश की और कई लोगों ने तो इसे बनाने के भी कई प्रयास किए। अभी तक कोई इस रहस्य का सच नहीं जान पाया है। दावा किया जाता है, कि जब इस पत्थर के लालच में किले पर दूसरे राज्यों ने आक्रमण किया होगा तो रायसेन के राजा रायसिंह से अपनी हार करीब देखकर इस जादुई पत्थर को तालाब में फेंक दिया। जहां से तालाब की दलदल में आज तक कोई नहीं पहुंच सका।

दावा यह भी है, कि पारस पत्थर चंद्रमा या किसी अन्य ग्रह पर बना होगा और धरती पर आ गिरा होगा। दावा यह भी किया जाता है, कि अंडे में कुछ मटेरियल मिल जाता है तो वह पारस पत्थर बन जाता है। आखिर इन कहानियों का राज क्या है? इसका आज तक किसी को पता नहीं। 

पारस पत्थर के लिये मान्यतायें 

वहां के लोगों का यह भी मानना है, कि यह सब अफवाह ही है क्योंकि अगर ऐसा कुछ होता तो किसी संग्रहालय में या फिर भारत के इतिहास की पूंजी में ऐसा कोई पत्थर जरूर होता। यदि राजा के पास यह जादुई पत्थर था तो उन्होंने पूरी रायसेन नगरी को, लोहे की वस्तुओं को सोने में तब्दील क्यों नहीं कर दिया। ऐसे कई अनसुलझे रहस्य बने हुए हैं लेकिन इनका सच क्या है यह किसी को पता नहीं। 

अनसुल्झी कहानी 

लोक कथाओं में इस पत्थर के मालिक का नाम रायसिंह  चला आ रहा है। इनका नाम इतिहास में गायब क्यों मिलता है? आखिर हर जिले में पारस पत्थर के दावे होने की कहानी क्यों मिलती है? यह एक उलझा हुआ राज है। जिसका कोई सिरा नहीं मिलता बहुत से लोगों ने प्रयास किया लेकिन कोई नहीं जान पाया कि पारस पत्थर की हकीकत क्या है?

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