भारतीय पूर्व क्रिकेटर और भारत रत्न से सम्मानित राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर गुरुवार को सांसद में पहुंचे थे. सचिन 2012 में मनोनीत सांसद बनने के बाद पहली बार राज्यसभा में भाषण देने उतरे लेकिन सांसद में हंगामे को देखकर कुछ नहीं बोल पाए. 2जी घोटाले के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसदो ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया. राज्यसभा में सचिन ‘राइट टू प्ले’ के मुद्दे पर चर्चा करने वाले थे की विपक्ष पार्टी ने उन्हें बोलने ही नहीं दिया, सचिन 10 मिनट तक अपने स्थान पर खड़े रहे लेकिन डेब्यू नहीं दे पाए. उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विपक्ष से शांत होने की अपील की और कहा कि ‘सरकार ने सचिन को भारत रत्न से सम्मानित किया है’ उनको अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए लेकिन ऐसा होना नामुमकिन रहा और सदन का स्थगित करना पड़ा. राज्यसभा में सचिन को दोपहर 2 बजे का समय मिला था. मनोनीत सचिन का कार्यकाल 26 अप्रैल 2018 को खत्म हो रहा है, गौरतलब है कि सदन में सचिन तेंदुलकर की गैरमौजूदगी पर पहले काफी सवाल उठाये गए हैं.
सचिन भले ही राज्यसभा में न बोल पाए हों लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर खुल कर बोला और लोगों ने उन्हें खूब सराहा. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि ”मैं खेल बहुत पसंद करता हूं. क्रिकेट मेरी जिंदगी है. मेरे पिता रमेश तेंदुलकर कवि और लेखक थे. मैं जिंदगी में जो करना चाहता था, उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और प्रोत्साहन किया. उन्होंने मुझे क्रिकेट खेलने की आजादी दी, जो उनकी तरफ से मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट था. इसका मैं हमेशा उनका शुक्रगुज़ार रहूंगा.”
सचिन ने कहा, ”गरीबी, आर्थिक वृद्धि, फूड सिक्योरिटी समेत देश में कई अहम मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खेल, इंडिया की फिटनेस और लोगों की सेहत पर बात करना चाहता हूं. मेरा विजन स्वस्थ और फिट भारत है. जब युवा स्वस्थ होगा, तब देश में कुछ होगा. साल 2020 में भारत दुनिया के सबसे जवान देशों में से एक होगा. ऐसे मे धारणा ये है कि अगर युवा हैं, तो फिट हैं. लेकिन ये गलत है.”
प्रियंका अग्रवाल