आरोप प्रत्यारोप के चलते भारतीय राजीनीति का स्तर इतना गिर चुका है की आर्मी के ऊपर भी राजनेता सक करने को आतुर हो चुके हैं. यह बड़े ही शर्म की बात है कि हमारे सैनिक 24 घंटे हमारे लिए बोर्डर पर आँख लगाये खड़े रहते है. फिर भी देश के नेता उन्हीं को लेकर चर्चा कर रहे हैं की भारतीय सेना ही ऐसा कर रही है वैसा कर रही है. यार कब तक चलेगा ऐसा? हम सब कब आयेंगे साथ? ओवेसी जैसे नेता तो पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं वो बोलने से पहले यह भी नहीं सोचते कि हम बोल क्या रहे हैं और किसके लिए बोल रहे हैं
ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के सुंजवान में आतंकी हमले में बलिदान देने वाले सेना के पांच जवानों का जिक्र किया और उन लोगों पर निशाना साधा, जो मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल खड़े करते हैं. इस पर सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने ओवैसी का बिना नाम लिए कहा कि हम अपने शहीदों को धर्म से नहीं जोड़ते. उन्होंने कहा कि जो लोग सेना की कार्यशैली नहीं जानते, वह लोग इस तरह का बयान देते हैं.
ओवैसी ने कहा कि सुंजवान की घटना में पांच कश्मीरी मुसलमानों ने अपना बलिदान दिया है. आप इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?’’ हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने आतंकी हमलों से ‘सबक नहीं सीखने’ को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना भी की. ओवैसी ने कहा, ‘‘रात नौ बजे प्राइम टाइम बहस में शामिल होने वाले तथाकथित राष्ट्रवादी लोग मुसलमानों और कश्मीरी मुसलमानों के राष्ट्रवाद पर सवाल करते हैं.’’
उन्होंने कहा कि हमारा दुश्मन निराश है इसलिए वह आसान निशाना बना रहा है. जब वह सीमा पर विफल होते हैं तो सेना के कैंप को निशाना बनाते हैं. युवा आतंकी संगठन में शामिल हो रहे हैं यह चिंता का विषय है और हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है. 2017 में हमें इनके नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित किया था और उन्हें खत्म किया था.