Thursday, April 25, 2024
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खुशहाली के मामले में भारत 133वें स्थान पर, पांच पायदान फिसला

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हम अपनी जिन्दगी को लेकर कितना खुश रहते है, या नहीं रहते है इसका व्योरा भी किया जाता है. इस रिपोर्ट को अमूमन इसलिए तैयार किया जाता की आखिर पता तो चले आखिर लोग अपनी जिन्दगी ख़ुशी से जी रहे हैं या फिर दुखी से. हाल में एक रिपोर्ट जारी की गयी है जिसमें भारत को बहुत बड़ा झटका लगा है. यानी पहले के मुकाबले भारत में लोग उतने खुश नहीं रहते है की जितने पहले रहते थे. इसके बहुत से कारण हो सकते है. जैसे लोगों का एक जगह से दूसरी जगह पलायन करना, या फिर जीवन यापन के लिए पूर्ण रूप से घर चलाने का खर्चा, या यूँ कहू की आमदनी लोगों की कम होने के कारण उनकी जिन्दगी पर असर पड़ता है.

विश्व खुशहाली रिपोर्ट में भारत पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी पिछड़ गया है. इस साल जारी नई रिपोर्ट के अनुसार भारत को पिछले साल की तुलना में कुल पांच पायदान का नुकसान हुआ है. ताजा जारी रिपोर्ट में भारत 133वें स्थान पर है. जबकि पिछले साल भारत 128वें पायदान पर था. गौरतलब है कि एशियाई देशों में पाकिस्तान 75 वें, भूटान 97 वें और चीन 86 वें स्थान पर है. वहीं नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका को 101,115 और116 वां स्थान मिला है.

खुशहाली के मामले में सबसे अंतिम पायदान पर बुरूंडी का नाम है. संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास समाधान नेटवर्क( एसडीएसएन) की ओर से तैयार रिपोर्ट के मुताबिक भारत 0.698 अंक की गिरावट के साथ पिछले साल के अपने 128 वें स्थान से नीचे लुढ़क गया है. विश्व खुशहाली दिवस 20 मार्च को मनाया जाता है. इस बार छठी विश्व खुशहाली रिपोर्ट में पलायन को बड़ा मुद्दा माना गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि वैश्वीकरण के बढ़ने के साथ दुनिया भर में लोग एक जगह से दूसरी जगह जा रहे और इसमें से अधिकतर प्रवासी खुशहाल जिंदगी चाहते हैं.

रिपोर्ट में फिनलैंड विश्व का सबसे ज्यादा खुशहाल देश होने के साथ पहले पायदान पर है, जबकि दूसरे नंबर पर नॉर्वे और तीसरे नंबर पर डेनमार्क रहा है.

यह रिपोर्ट लगभग 156 देशों को शामिल करके तैयार किया गया है,  रिपोर्ट सामने आई तो उसमें खुशाली को बड़े अंतराल में बदलता हुआ देखा गया है, यानी की प्रवाशियों पर दबाव बड़ा है, या फिर आगे भी बना रहेगा. इस लिस्ट में अमेरिका को 18वां और ब्रिटेन को 19 वां स्थान मिला है. दशों के बीच प्रवास करने वालों में कुछ को फायदा होगा जबकि अन्य को नुकसान झेलना पड़ेगा.

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